भारत के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) का विश्व कप अभियान शनिवार को समाप्त हो गया। वह 19 अक्टूबर को बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में लगी टखने की चोट से उबरने में असफल रहे, जिसके चलते उन्हें बाकी टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया। 17 एकदिवसीय मैच खेल चुके तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा को आईसीसी तकनीकी समिति द्वारा उनके प्रतिस्थापन के रूप में मंजूरी दी गई थी।
टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद हार्दिक निराश नज़र आये। चोटिल होने से पहले उन्होंने केवल चार मुकाबले खेले। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इस तथ्य को पचाना मुश्किल है कि मैं शेष वर्ल्ड कप से चूक जाऊंगा। मैं पूरी भावना के साथ टीम के साथ रहूंगा एवं हर खेल की हर गेंद पर उनका उत्साहवर्धन करूंगा। सभी की शुभकामनाओं, प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद, यह अविश्वसनीय है। यह टीम ख़ास है और मुझे यकीन है कि हम सभी को गौरवान्वित करेंगे।”
कथित तौर पर ऑलराउंडर को नॉकआउट मुकाबलों के लिए वापसी हेतु तैयार किया गया था, क्योंकि भारत अब तक सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र टीम थी। एनसीए के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार, हार्दिक ने बेंगलुरु में अपना प्रशिक्षण फिर से शुरू कर दिया था। हालाँकि, उनके बाएं टखने में गुरुवार को फिर सूजन उभर आई थी, जिसका अर्थ है वह जल्द ही गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं होंगे।
BCCI अधिकारी ने हार्दिक (Hardik Pandya) की चोट लेकर दी जानकारी
“जैसा कि पहले बताया गया है, पंड्या को कोई फ्रैक्चर नहीं है और केवल मामूली चोट आई है। उन्होंने प्रशिक्षण फिर से शुरू कर दिया था, लेकिन अचानक बाएं टखने में काफी सूजन आ गई और वह गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं थे।” अधिकारी ने बताया, “यह कोई इंजेक्शन से ठीक की जाने वाली चोट नहीं है। गुरुवार को सूजन फिर से उभर आई और जब तक यह कम नहीं होती, वह कौशल प्रशिक्षण नहीं कर सकते।”
रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई के पास हार्दिक की जगह लेने के लिए तीन दावेदार थे, जिनमें बाएं हाथ के बल्लेबाज तिलक वर्मा, विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन और तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा शामिल हैं। शार्दुल ठाकुर और आर अश्विन पहले से ही भारतीय टीम में हैं, प्रबंधन को समान प्रतिस्थापन में कोई दिलचस्पी नहीं थी। टीम में ईशान किशन भी हैं, जो बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर हैं। तिलक और सैमसन दौड़ में पिछड़ गए और प्रिसिध एकमात्र विकल्प रह गए।