ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट ने गुरुवार को मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया कि हाई-स्पीड ट्रांसपोर्टेशन कंपनी Hyperloop One बंद होने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह अभी तक एक भी कामकाजी हाइपरलूप बनाने के लिए कोई अनुबंध हासिल करने में विफल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में सुपर हाई-स्पीड लेविटेटिंग पॉड सिस्टम पर दुनिया की पहली यात्री सवारी पूरी करने वाली लॉस एंजल्स स्थित फर्म अपनी शेष संपत्ति बेच देगी, जबकि इसके शेष कर्मचारियों के लिए रोजगार इस साल 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा।
Hyperloop One ने टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। हाइपरलूप प्रणाली में लगभग मौन यात्रा के लिए मैग्नेटिक लेविटेशन का इस्तेमाल किया जाता है। इससे न्यूयॉर्क और वाशिंगटन के बीच एक यात्रा में केवल 30 मिनट लगेंगे, जो एक वाणिज्यिक जेट उड़ान से दोगुना तेज़ और हाई-स्पीड ट्रेन से चार गुना तेज़ है।
Hyperloop One ने जुटाए थे 400 मिलियन डॉलर
एलन मस्क ने 2013 में एक आधुनिक हाइपरलूप प्रणाली कैसे काम करेगी, यह बताकर प्रौद्योगिकी में रुचि फिर से जगा दी थी। उनका अपना सुरंग बनाने वाला उद्यम द बोरिंग कंपनी, यात्रियों को हाइपरलूप के रूप में ज्ञात विशाल भूमिगत वैक्यूम ट्यूबों की एक इंटरसिटी प्रणाली के माध्यम से पॉड में पैक करके भेजना चाहता है।
आपको बता दें हाइपरलूप वन की स्थापना 2014 में की गई थी और इसने 400 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे। इसमें से ज्यादातर हिस्सा मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात की शिपिंग कंपनी डीपी वर्ल्ड और ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन का था। कंपनी इतने सालों के बाद भी अभी तक कोई बड़ी सफलता हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई है।