केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने एक बार फिर भारत में ड्राइवर रहित कारों के विचार के बारे में अपनी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने लगातार यह रुख अपनाते हुए इस बात पर जोर दिया है कि वह इन वाहनों को भारत में अनुमति नहीं देंगे। ड्राइवर रहित कारों के खिलाफ गडकरी का प्राथमिक तर्क भारत में ड्राइवरों की बड़ी आबादी के लिए संभावित नौकरी के नुकसान से उत्पन्न हुआ है।
हाल ही में आईआईएम नागपुर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “मैं कभी भी ड्राइवर रहित कारों को भारत में आने की अनुमति नहीं दूंगा, क्योंकि इससे कई ड्राइवरों की नौकरियां छिन जाएंगी और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।”
Nitin Gadkari ने टेस्ला के सामने रखी ये शर्त
जैसा कि आप जानते हैं अमेरिका स्थित ईवी निर्माता टेस्ला का तेजी से बढ़ते भारतीय ऑटोमोटिव मार्केट में पैर जमाने का मजबूत इरादा है। इसके लिए उसने आयात कर में छूट की भी मांग की थी। गडकरी ने हमारे तटों पर दुकान स्थापित करने के लिए ईवी निर्माता का स्वागत किया, लेकिन एक प्रमुख शर्त रखी कि कारों का निर्माण भारत में ही किया जाना चाहिए। चीन से कारों को आयात नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “टेस्ला के लिए चीन में निर्माण और भारत में आयात करना असंभव है।”
हालाँकि भारत में ड्राइवर रहित कारों की राह लंबी और अप्रत्याशित हो सकती है, लेकिन भारत में स्वच्छ, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत वाहनों पर काम शुरू हो चुका है। हाल ही में देश में ऑटोमोटिव उद्योग का काफी विकास हुआ है और उपभोक्ता का ध्यान भी किफायती विकल्पों से अधिक सुरक्षित, महत्वाकांक्षी उत्पादों पर स्थानांतरित हो गया है।
यह देश में एसयूवी सेगमेंट के विकास को चलाने वाले कारकों में से एक है। हाल ही में देश की अपनी क्रैश टेस्ट रेटिंग प्रणाली, Bharat NCAP को पेश किया गया है और इसके पहले स्वैच्छिक लॉट के परिणाम जल्द ही आने की उम्मीद है।