Rashmika Deepfake Case : दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कथित तौर पर चार संदिग्धों का पता लगाया जो अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो को ऑनलाइन अपलोड करने में शामिल थे। हालांकि, पुलिस के हवाले से पता चला है कि वीडियो के रचनाकारों और इसके पीछे मुख्य साजिशकर्ता की तलाश अभी भी जारी है। अभिनेत्री का एक संशोधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के एक महीने से अधिक समय के बाद यह खबर आई है।
वीडियो में एक महिला है, जिसकी पहचान ज़ारा पटेल के रूप में की गई है। महिला एक लिफ्ट के अंदर काले रंग की वर्कआउट ओनेसी पहने हुए थी। मंदाना की तरह दिखने के लिए उसके चेहरे को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से संपादित किया गया था। इसके तुरंत बाद, अधिकारियों ने उन सभी आईपी पतों की पहचान करके मामले की जांच शुरू कर दी, जहां से वीडियो अपलोड किया गया था। दिल्ली महिला आयोग द्वारा पुलिस को नोटिस भेजे जाने के बाद 11 नवंबर को दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस ने मामले के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
Rashmika Deepfake Case : अभिनेत्री ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
रश्मिका ने डीपफेक वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, “वीडियो को साझा करने और इसके बारे में बात करने से वास्तव में काफी दुख हो रहा है। सच कहूं तो, ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है, जो आज प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग के चलते काफी अधिक नुकसान की चपेट में है।”
अभिनेत्री का फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद से सरकार ऐसे मामलों से निपटने को लेकर काफी मुखर है। 24 नवंबर को आईटी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को दो पत्र भेजे और उन्हें भारतीय कानून के अनुसार गलत सूचनाओं और डीपफेक को खत्म करने की उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक को “लोकतंत्र के लिए नया खतरा” करार देते हुए कहा कि सरकार ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नए नियम लाने पर काम कर रही है।