भारत एकमात्र ऐसी टीम है, जो इस विश्व कप में अभी तक एक भी मुकाबला नहीं हारी है। भारत एकमात्र ऐसी टीम भी है, जो अभी तक इस टूर्नामेंट में एक भी बार आल आउट नहीं हुई है और जिसने अपने सामने आने वाली हर टीम को ऑलआउट किया है। पिछली तीन टीमें जिनसे भारत का सामना हुआ, वे 150 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाईं। इंग्लैंड 129, श्रीलंका 55 और दक्षिण अफ्रीका मात्र 83 रन पर आउट हो गई। इसी बीच पूर्व BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने भारतीय गेंदबाज़ी को लेकर चर्चा की है।
आपको बता दें शमी के नाम इस वर्ल्ड कप में केवल 4 मुकाबलों में 16 विकेट हैं। उनका औसत 7 और इकोनॉमी रेट 4.3 है। 8 मुकाबलों में 15.53 की औसत और 3.65 की इकॉनमी रेट से 15 विकेट लेकर बुमराह भी पीछे नहीं हैं। 8 मैचों में 14 विकेट के साथ जडेजा अब तक भारत के सबसे सफल स्पिनर रहे हैं। कुलदीप के नाम 12 और सिराज के नाम 10 विकेट हैं।
अगर बुमराह और सिराज आपको नई गेंद से विकेट नहीं दिला पाए तो शमी ऐसा करेंगे। यदि आप नई गेंद से आगे निकल जाते हैं, तो जड़ेजा आपको बांध देगा, फिर कुलदीप अपना जादू चलाएंगे। धीमी गेंद, बाउंसर और यॉर्कर में अपनी पूरी महारत का इस्तेमाल करते हुए, बुमराह पुरानी गेंद के साथ वापसी करेंगे। इससे पहले कि आपको पता चले, मैच ख़त्म हो चुका होगा। भारत के खिलाफ लगभग हर टीम की यही कहानी रही है। टीम इंडिया ने अपने अभी तक के 8 मुकाबलों में केवल तीन बार 200 से अधिक का स्कोर दिया है।
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने 2003 विश्व कप की दिलाई याद
स्वाभाविक रूप से, इस बात पर चर्चा हुई है कि क्या यह भारतीय गेंदबाजी सफेद गेंद वाले क्रिकेट में अभी तक की सर्वश्रेष्ठ है। हालाँकि इस विचार को मानने वाले कई लोग हैं, लेकिन भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) उनमें से नहीं हैं। गांगुली ने कहा कि, “मैं यह नहीं कह सकता कि यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ भारतीय तेज गेंदबाज़ी आक्रमण है। 2003 विश्व कप में नेहरा, जहीर और श्रीनाथ ने भी शानदार गेंदबाजी की थी।”
गांगुली का कहना गलत नहीं हैं, विभिन्न युगों के गेंदबाजी आक्रमण की तुलना करना शायद उचित नहीं है। उनकी कप्तानी में, जहीर (18 विकेट), श्रीनाथ (16) और नेहरा (15) ने 2003 विश्व कप में भारत को दक्षिण अफ्रीका में फाइनल में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालाँकि, पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने शमी, बुमराह और सिराज की जमकर तारीफ की।
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन हां, बुमराह, शमी और सिराज को गेंदबाजी करते हुए देखना रोमांचक है। जब आपके पास बुमराह है, तो यह एक बड़ा अंतर होता है। दोनों छोर से दबाव रहता है, क्योंकि यह हमेशा जोड़े में गेंदबाजी करने के बारे में होता है। बुमराह अन्य दो पर भी व्यापक प्रभाव डालते हैं।” गांगुली ने कहा कि शमी को शुरू से खेलना चाहिए था।